एक नया सफर शुरू हो गया वही पुराना सफर फिर से एक बार पर इस बार तेज़ है चुनौतियों की धार यूं तो इस सफर में हमसफर हैं हज़ार पर फिर भी है सारे हालात से लाचार ना जाने कब हो जाए कोविड का प्रहार और हो जाएगी सबकी मेहनत बेकार कई लोग ढूंढ रहे नौकरियों के इश्तहार तो कई रो रहे देख तस्वीरों पर हार एक नई आस लेकर अब चले है उस पार शायद रक्खा हो मालिक ने कोई नया उपहार ना जाने हो जाए कोई ऐसा चमत्कार की वापस से सब ठीक हो जाए यार फिर तो मनाएंगे हर दिन एक त्योहार और होगी हर दिल में खुशियों की बौछार
कलम ऐसी है कलम की शक्ति आधीन है इसके हर व्यक्ति चाहे हो शिक्षा या हो भक्ति सबको है ये कायम रखती हर विषय का है स्वाद ये चखती चाहे हो विज्ञान या हिंदी की विभक्ति सबके जीवन को इसने क्षण भर में बदल में डला किसी को वैज्ञानिक , किसी को कलाकार तो किसी को शायर बना डाला खोला इसने हर प्रश्न का ताला कइयों को पहवाई फूलो की माला किसी ने इससे लिखी निर्मला तो किसी ने लिखी मधुशाला जिनके कारण हुआ साहित्य जगत में इन लिखको का बोल बाला जिसने किआ अपमान इसका उसपर लगा अज्ञानता का ताला BY- Yash Gupta