आखिर क्या होती है माँ
जब दूर आ गए पता चला तब,
आखिर क्या होती है माँ ,
इस दुनिया में हमें वो लाती,
सारा दर्द यूँ ही सह जाती ,
हर रात जाग जो हमें सुलाती,
आँखों का तारा हमें बुलाती ,
अच्छा भोजन जो हमें खिलाती,
खुद चाहे भूखी रह जाती ,
ऊँगली पकड़ चलना वो सिखाती,
गिरते जो हम तो हमें उठती,
गलती करने पर डाँट लगाती,
हम रूठें तो हमें मानती ,
काम छोड़ जो हमे पढ़ाती,
न पड़ने पर मार लगाती ,
कभी -कभी बाज़ार ले जाती,
जो चीज़ भी माँगो तुम्हे दिलाती ,
बदले में वो कुछ न पाती ,
हमें हँसते देख वो खुश हो जाती।।
Comments
वो इंसान माँ पर जान देते है,
मतला होता है ना मक़ता कोई,
जब हम माँ पर ग़ज़ल कहते हैं,
बेहतरीन कविवर❤️🙏