कुछ इन्हे अपने हाथों से संजोते है
तो कुछ इन्हे नोटों से सवारते है।
कुछ पन्ने इस पुस्तक में स्वयं ही लिख जाते है,
और कुछ अपने पन्नो को नशे की आग में भस्म कर जाते है।
जो पुस्तक को नहीं संभाल पाते है ,
वो कुछ समय बाद उसको राख पाते है।
कुछ इसपर स्वर्ण अक्षर लिख जाते है ,
और जीवन भर उसके तेज से खुद को रौशन पाते है।
कुछ लोग इस पुस्तक पर प्रतिबन्ध लगते है,तो कुछ इन्हे यूँ ही खुला छोड़ जाते है।
परन्तु फिर भी कई बार ये पन्ने व्यर्थ हो जाते है,
जब वे पुस्तक के अच्छे मित्र नहीं बन पाते है।
कई बार इस पुस्तक के पन्ने स्वयं को जलाते है,
परन्तु आग लगाने से पहले अपने पाठक को भूल जाते है।
पुस्तक कैसी भी हो वे उसे सीने से लगते है ,
उसके जलने के बाद भी उसको भुला नहीं पाते है।
कुछ पुस्तकों से लोग केवल धन कमा पाते है ,
और कुछ लोग इनसे जीवन भर खुशियाँ पाते है।
By - yash gupta
By - yash gupta
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