लोगों को खुश क्यों करना है ? क्यों आप लोगों की नज़रों में अच्छा बनना चाहते है' इस कारण आप अपने शौक पूरे नहीं कर पाते है। क्यों अपने जीवन को अपने लिए ही कठिन बनाते है, क्यों लोग आशाएँ करके आपके जीवन पर अपना हक जताते है. क्यों वो आपको उनके जैसा बनाना चाहते है, वो जो मानते है आप भी वो मानो क्यों ऐसा वो चाहते है. क्या थके नही आप अब तक ये करते- करते , क्यों अपना जीवन जीना भूल गए आगे बढ़ते- बढ़ते, क्यों रुक गए थे हर्षोल्लास की सीढ़ियां चढ़ते- चढ़ते , क्या थके नहीं अब तक लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरते- उतरते, शायद कुछ लोगों को ये एहसास हो जाए इसे पढ़ते -पढ़ते जो अपने काम करते थे लोगों से डरते -डरते और जी रहे थे हर पल मरते -मरते ...