एक नया सफर शुरू हो गया वही पुराना सफर फिर से एक बार पर इस बार तेज़ है चुनौतियों की धार यूं तो इस सफर में हमसफर हैं हज़ार पर फिर भी है सारे हालात से लाचार ना जाने कब हो जाए कोविड का प्रहार और हो जाएगी सबकी मेहनत बेकार कई लोग ढूंढ रहे नौकरियों के इश्तहार तो कई रो रहे देख तस्वीरों पर हार एक नई आस लेकर अब चले है उस पार शायद रक्खा हो मालिक ने कोई नया उपहार ना जाने हो जाए कोई ऐसा चमत्कार की वापस से सब ठीक हो जाए यार फिर तो मनाएंगे हर दिन एक त्योहार और होगी हर दिल में खुशियों की बौछार